MA Semester-1 Home Science Paper-II (Core) - Fashion Design and Traditional Textiles - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2694
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - द्वितीय प्रश्नपत्र - फैशन डिजाइन एवं परम्परागत वस्त्र

प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।

उत्तर -

कसूती भारत के कर्नाटक प्रदेश की कशीदाकारी का एक परम्परागत रूप है। कसूती कशीदारी कार्य अत्यधिक जटिल है। कभी-कभी इसमें 5000 टाँकों तक का उपयोग हाथ से करना पड़ता है। यह कशीदाकारी सामान्यतः इकल और कांचीवरम साड़ियों पर की जाती है। कर्नाटक हस्तकला विकास निगम कसूती कशीदाकारी के संरक्षण के लिए प्रयासरत है। यह उसे बौद्धिक सम्पदा अधिकार के रूप में मान्यता प्रदान करता है।

कसूती का इतिहास

कसूती का इतिहास चालुक्य वंश से प्रारंभ होता है। कसूती नाम का उद्भव "काई" और "सूती" शब्दों से हुआ है, जिनमें 'काई' का अर्थ हाथ और 'सूती' का अर्थ वस्त्र से होता है। इसका अर्थ है कपड़े पर हाथ से कशीदाकारी। मैसूर राज्य में 17 वीं सदी में महिला दरबारियों द्वारा 64 प्रकार की कशीदाकारी की कला का उपयोग किया जाता था, उसमें कसूती भी एक थी। यह भी कहा जाता है कि राजस्थान का लम्बनी समुदाय अपनी इस पारम्परिक कला को लेकर राजस्थान से कर्नाटक में आ बसा था और उसी ने इस कला को विस्तार दिया। सामान्यतः कसूती कशीदाकारी वाली सिल्क की साड़ियों पर की जाती है, जिन्हें 'चन्द्रकली' साड़ी के नाम से जाना जाता है। ये साड़ियाँ मुख्य रूप से विवाहोत्सवों में प्रयुक्त की जाती हैं।

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कसूती कार्य

इसके अन्तर्गत जो पैटर्न उपयोग में लाए जाते हैं वे है— गोपुरम, चैरियट, पालकी, रथ, कमल, हाथी, मयूर, बैल, तोता आदि का चित्रांकन। कढ़ाई में स्थानीय स्तर पर प्राप्त होने वाली कच्ची सामग्री का प्रयोग किया जाता है। सर्वप्रथम कोयला या पैसिल से कपड़े पर इसका नमूना उलेट लिया जाता है। तत्पश्चात् सुई व धागों का चयन किया जाता है। यह कार्य अत्यधिक परिश्रम का है क्योंकि कपड़े पर धागों का उपयोग टाँकों की गणना के साथ होता है। अपेक्षित पैटर्न के लिए विभिन्न प्रकार के टाँकों का प्रयोग करते हैं। उनमें कुछ टाँकों के नाम हैं--

(1) गवन्ती (Gavnti ) — रेखीय और उल्टा बखिया टाँका।
(2) नेगी (Negi ) — रनिंग टाँका।
(3) मेन्थी (Menthi) क्राँस टाँका।
(4) मुर्गी (Murgi ) — जिगजैग रनिंग टाँका।

गवन्ती सबसे अधिक प्रचलित टाँका है। यह टाँका दोनों ओर से समान दिखाई देता है।

नेगी टाँका हाथ की बुनाई वाले नमूने जैसा प्रभाव उत्पन्न करता है।

कसूती के लिए उपयोग में लाए जाने वाले रंग हैं-लाल, बैंगनी, हरा और नारंगी। सभी रंगों को चमकदार रूप में उपयोग में लाया जाता है। कसूती में बहुरंगों का उपयोग भी कलात्मक रूप से किया जाता है। कसूती में नीले और पीले रंग का उपयोग बहुत कम किया जाता है।

कसूती के नमूने इस प्रकार के होते हैं कि बुने हुए और कसीदे के नमूने में भ्रम होता है। नमूने बिल्कुल निश्चित होते हैं। इसका निश्चित आकार होता हैं और धागे गिनकर उपयोग में लाये जाते हैं। यह सूती वस्त्रों पर बिना नमूने को उतारकर बनाये जाते हैं। कसूती की कढ़ाई में बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है।

कसूती कढ़ाई करने वाले अधिकांशतः जाति से बुनकर, खेतीहार और दर्जी होते है। यह अधिकतर ऐसे व्यक्तियों द्वारा बनाई जाती है जो गरीब होते है और कठिन परिश्रमी होते है।

कसूती व्यावसायिक रूप से नहीं बनाई जाती है। केवल ऑर्डर देने पर ही बनाई जाती है। आजकल बहुत कम परिवारों द्वारा यह सूक्ष्म कार्य किया जाता है।

आजकल सरकार इस प्राचीन कला में रुचि लेने लगी है। इसे हस्तकला उद्योग कहा जाता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- डिजाइन के तत्वों से आप क्या समझते हैं? ड्रेस डिजाइनिंग में इसका महत्व बताएँ।
  2. प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्तों से क्या तात्पर्य है? गारमेण्ट निर्माण में ये कैसे सहायक हैं? चित्रों सहित समझाइए।
  3. प्रश्न- परिधान को डिजाइन करते समय डिजाइन के सिद्धान्तों को किस प्रकार प्रयोग में लाना चाहिए? उदाहरण देकर समझाइए।
  4. प्रश्न- "वस्त्र तथा वस्त्र-विज्ञान के अध्ययन का दैनिक जीवन में महत्व" इस विषय पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
  5. प्रश्न- वस्त्रों का मानव जीवन में क्या महत्व है? इसके सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व की विवेचना कीजिए।
  6. प्रश्न- गृहोपयोगी वस्त्र कौन-कौन से हैं? सभी का विवरण दीजिए।
  7. प्रश्न- अच्छे डिजायन की विशेषताएँ क्या हैं ?
  8. प्रश्न- डिजाइन का अर्थ बताते हुए संरचनात्मक, सजावटी और सार डिजाइन का उल्लेख कीजिए।
  9. प्रश्न- डिजाइन के तत्व बताइए।
  10. प्रश्न- डिजाइन के सिद्धान्त बताइए।
  11. प्रश्न- अनुपात से आप क्या समझते हैं?
  12. प्रश्न- आकर्षण का केन्द्र पर टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अनुरूपता से आप क्या समझते हैं?
  14. प्रश्न- परिधान कला में संतुलन क्या हैं?
  15. प्रश्न- संरचनात्मक और सजावटी डिजाइन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- फैशन क्या है? इसकी प्रकृति या विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  17. प्रश्न- फैशन के प्रेरक एवं बाधक तत्वों पर प्रकाश डालिये।
  18. प्रश्न- फैशन चक्र से आप क्या समझते हैं? फैशन के सिद्धान्त समझाइये।
  19. प्रश्न- परिधान सम्बन्धी निर्णयों को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
  20. प्रश्न- फैशन के परिप्रेक्ष्य में कला के सिद्धान्तों की चर्चा कीजिए।
  21. प्रश्न- ट्रेंड और स्टाइल को परिभाषित कीजिए।
  22. प्रश्न- फैशन शब्दावली को विस्तृत रूप में वर्णित कीजिए।
  23. प्रश्न- फैशन का अर्थ, विशेषताएँ तथा रीति-रिवाजों के विपरीत आधुनिक समाज में भूमिका बताइए।
  24. प्रश्न- फैशन अपनाने के सिद्धान्त बताइए।
  25. प्रश्न- फैशन को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?
  26. प्रश्न- वस्त्रों के चयन को प्रभावित करने वाला कारक फैशन भी है। स्पष्ट कीजिए।
  27. प्रश्न- प्रोत / सतही प्रभाव का फैशन डिजाइनिंग में क्या महत्व है ?
  28. प्रश्न- फैशन साइकिल क्या है ?
  29. प्रश्न- फैड और क्लासिक को परिभाषित कीजिए।
  30. प्रश्न- "भारत में सुन्दर वस्त्रों का निर्माण प्राचीनकाल से होता रहा है। " विवेचना कीजिए।
  31. प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मलमल किस प्रकार का वस्त्र है? इसके इतिहास तथा बुनाई प्रक्रिया को समझाइए।
  33. प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
  34. प्रश्न- कश्मीरी शॉल की क्या विशेषताएँ हैं? इसको बनाने की तकनीक का वर्णन कीजिए।.
  35. प्रश्न- कश्मीरी शॉल के विभिन्न प्रकार बताइए। इनका क्या उपयोग है?
  36. प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
  37. प्रश्न- ब्रोकेड के अन्तर्गत 'बनारसी साड़ी' पर प्रकाश डालिए।
  38. प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
  39. प्रश्न- बाँधनी के प्रमुख प्रकारों को बताइए।
  40. प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए।
  41. प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  42. प्रश्न- राजस्थान के परम्परागत वस्त्रों और कढ़ाइयों को विस्तार से समझाइये।
  43. प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये।
  44. प्रश्न- पटोला वस्त्र से आप क्या समझते हैं ?
  45. प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- बांधनी से आप क्या समझते हैं ?
  47. प्रश्न- ढाका की साड़ियों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  48. प्रश्न- चंदेरी की साड़ियाँ क्यों प्रसिद्ध हैं?
  49. प्रश्न- उड़ीसा के बंधास वस्त्र के बारे में लिखिए।
  50. प्रश्न- ढाका की मलमल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  51. प्रश्न- उड़ीसा के इकत वस्त्र पर टिप्पणी लिखें।
  52. प्रश्न- भारत में वस्त्रों की भारतीय पारंपरिक या मुद्रित वस्त्र छपाई का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- भारत के पारम्परिक चित्रित वस्त्रों का वर्णन कीजिए।
  54. प्रश्न- गर्म एवं ठण्डे रंग समझाइए।
  55. प्रश्न- प्रांग रंग चक्र को समझाइए।
  56. प्रश्न- परिधानों में बल उत्पन्न करने की विधियाँ लिखिए।
  57. प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  58. प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
  60. प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  62. प्रश्न- टिप्पणी लिखिए: (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
  63. प्रश्न- कश्मीर की कशीदाकारी के अन्तर्गत शॉल, ढाका की मलमल व साड़ी और चंदेरी की साड़ी पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
  65. प्रश्न- "मणिपुर का कशीदा" पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  66. प्रश्न- हिमाचल प्रदेश की चम्बा कढ़ाई का वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- भारतवर्ष की प्रसिद्ध परम्परागत कढ़ाइयाँ कौन-सी हैं?
  68. प्रश्न- सुजानी कढ़ाई के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  69. प्रश्न- बिहार की खटवा कढ़ाई पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  70. प्रश्न- फुलकारी किसे कहते हैं?
  71. प्रश्न- शीशेदार फुलकारी क्या हैं?
  72. प्रश्न- कांथा कढ़ाई के विषय में आप क्या जानते हैं?
  73. प्रश्न- कढ़ाई में प्रयुक्त होने वाले टाँकों का महत्व लिखिए।
  74. प्रश्न- कढ़ाई हेतु ध्यान रखने योग्य पाँच तथ्य लिखिए।
  75. प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- जरदोजी पर टिप्पणी लिखिये।
  77. प्रश्न- बिहार की सुजानी कढ़ाई पर प्रकाश डालिये।
  78. प्रश्न- सुजानी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  79. प्रश्न- खटवा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

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